yaha wo sab kuch hai jo asl zindagi me hai…
Bin Mausam ki Barsaat
बिन मौसम की बरसात जिंदगी का मौसम और जिंदगी में मौसम कब बदल जाता है पता नही चलता… कुछ वक्त पहले यहाँ धूप खिली थी, गर्म उर्मी थी ..वही अब यहाँ बादल है बरसात है सर्द भीगी हवाएं है और साथ ही.. उदासी भी। खिड़की से देखा तो बाहर बादल की गर्जना थी और वही…
Aisa kya kaha…
सुनना हमें बिल्कुल पसंद नहीं है और शायद यही कारण है कि अकेलापन इस महामारी से भी बड़ी समस्या है।
नीड़ : जो बनाना है
चिड़िया कभी अपने नीड़ में आती है तो कभी फ़ुर्र हो जाती है,मैं खुद कैद में हूं तो इस पर गौर फरमा रहा हूं
Sawan ki baat
“मेरा सावन है” देखते ही देखते उसे एक साल हो गया। सावन अपने आप में एक जश्न एक उमंग,एक उल्लास एक अलग सी तरंग पैदा करता है,पर इस बार सावन में मेरा मन कुछ उदास सा रहा … इसलिए नहीं की महामारी अभी भी है और ना ही इसलिए कि सावन पूरा सुखा रहा,कारण जो है…
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